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Drone है मोटी कमाई का जरिया... लाइसेंस बनवाकर बस करना होगा ये काम, फिर शुरू हो जाएगी इनकम

Career Prospectus As Drone Pilot: ड्रोन उड़ाना केवल मौज-मस्ती का जरिया नहीं इससे कमाई भी की जा सकती है. आने वाले दिनों में ड्रोन का बिजनेस बढ़िया चलने की अच्छी संभावना जतायी जा रही है. चाहे मौसम का हाल बताना हो, या टेलीकम्यूनिकेशन का क्षेत्र हो या किसी और काम के लिए एरियल इमेजेस लेनी हो, ड्रोन बहुत काम आते हैं. ड्रोन रीक्रिएशनल और कमर्शियल दोनों कामों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक साल 2024 तक ड्रोन इंडस्ट्री 900 करोड़ रुपये तक की हो सकती है.  

कैसे करें शुरुआत

इस क्षेत्र में आने के लिए आप औपचारिक ट्रेनिंग ले सकते हैं. इसके लिए कई संस्थाएं कोर्स ऑफर करती हैं जिन्हें ज्वॉइन करने की पात्रता संस्थान के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है पर अधिकतर कोर्स के लिए दसवीं या बारहवीं पास कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं.

कुछ कैंडिडेट्स बिना ट्रेनिंग के भी इस क्षेत्र में प्रवेश करते हैं और अपने अनुभव से सीखते हैं. पर ये रीक्रिएशनल पर्पज से ड्रोन उड़ाते हैं न कि कमर्शियल पर्पज से. इसके साथ ही इवेंट और शादी-ब्याह में ड्रोन उड़ाने के लिए भी प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ती.

लाइसेंस के लिए क्या करना होता है

भारत में ड्रोन पायलट बनने के लिए डीजीसीए द्वारा अप्रूव्ड इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग लेनी होती है. इसके लिए 12वीं पास कैंडिडेट्स आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए कैंडिडेट्स को मेडिकल एग्जाम पास करना होता है और उनका बैकग्राउंड गवर्नमेंट एजेंसी से चेक होता है.

ट्रेनिंग पीरियड दो से तीन महीने का हो सकता है और इनकी फीस 30,000 रुपये महीने से एक लाख रुपये तक हो सकती है. इसके बाद डीजीसीए में लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं जिसके लिए लिखित परीक्षा होती है.

यहां से कर सकते हैं कोर्स

फ्लाईटेक एविएशन एकेडमी, हैदराबाद

एलायंस यूनिवर्सिटी, अनेकल, बेंगलुरु

फोर इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च, गुरुग्राम

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, फुर्सतगंज एयरफील्ड, अमेठी

माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, ग्वालियर

द बॉम्बे फ्लाइंग क्लब - जुहू एयरपोर्ट, मुंबई

सीएएसआर अन्ना यूनिवर्सिटी - सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च एमआईटी कैंपस, चेन्नई

इस साइट की लें मदद

भारत सरकार ने कुछ समय पहले Digital Sky नाम की वेबसाइट लांच की है. इससे आपको ड्रोन के बारे में सभी जानकारी, परमिशन वगैरह मिलेगी. यहां मौजूद मैप पर आपको ग्रीन, येलो और रेड जोन पता चलेंगे साथ ही फ्लाइंग और नॉन-फ्लाइंग जोन भी. कहां ड्रोन उड़ा सकते हैं कहां नहीं ये सब भी यहां पता चलेगा.

पांच तरह के ड्रोन होते हैं

ड्रोन पांच तरह के होते हैं, नैनो, माइक्रो, स्मॉल, मीडियम और बिग ड्रोन. नैनो और माइक्रो ड्रोन के लिए परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है. बाकी के लिए आपयो यूआईएन जैसी परमिशन लेनी होगी. यूआईएन यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है जो हर ड्रोन के लिए कार या बाइक नंबर की तरह जारी किया जाता है. इसके बिना आप ड्रोन नहीं उड़ा सकते. इस नंबर को हासिल करने के लिए 100 रुपये फीस देनी होगी. ये अप्रूवल डिजिटल स्काई से लिया जा सकता है. डिटेल जानने के लिए digitalsky.dgca.gov.in पर जाएं.

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