Rajasthan News: राजस्थान में बारां (Baran) जिले के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को उस गांव का दौरा किया, जहां एक दलित परिवार के 12 सदस्यों ने पिछले हफ्ते बौद्ध धर्म अपना लिया. अधिकारियों ने उक्त परिवार और अन्य ग्रामीणों के साथ बातचीत की. जिले में बापचा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले भुलोन गांव के निवासी राजेंद्र बैरवा के परिवार ने बीते शुक्रवार को बौद्ध धर्म अपना लिया. वे परिवार के एक सदस्य के साथ एक व्यक्ति द्वारा मारपीट किये जाने और इस विषय में ग्राम सरपंच के पति पर मामला दर्ज करने से पुलिस के इनकार करने को लेकर कथित तौर पर परेशान थे.
सामूहिक धर्मांतरण होने का नहीं है कोई साक्ष्य
मारपीट के मामले की जांच अब पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय, कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपा गया है. बारां के जिलाधिकारी नरेंद्र गुप्ता और पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा ने रविवार को गांव का दौरा किया और राजेंद्र बैरवा, उनके परिवार तथा अन्य स्थानीय लोगों से बातचीत की. अधिकारी ने कहा कि दो स्थानीय लोगों ने परिवार को बौद्ध धर्म अपनाने के लिए उकसाया.
पुलिस अधीक्षक मीणा ने कहा कि कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ शुरू की गई है, जिन्होंने परिवार को उकसाया. उन्होंने कहा कि सामूहिक धर्मांतरण होने का कोई साक्ष्य नहीं है. राजेंद्र (32) ने पांच अक्टूबर को गांव के ही निवासी लालचंद लोढ़ा के खिलाफ मारपीट का एक मामला दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया तथा उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
कुछ दिनों बाद, राजेंद्र ने पुलिस से संपर्क किया और मामले में राहुल शर्मा को आरोपी बनाने की मांग की. हालांकि, पुलिस ने कहा कि इससे पहले उन्होंने सरपंच के पति के खिलाफ साक्ष्य नहीं पाया और कहा कि विषय में उनके संलिप्त पाए जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामले में नये जांच अधिकारी राजेश कुमार यादव ने रविवार को भुलोन गांव का दौरा किया और राजेंद्र और अन्य निवासियों से बातचीत की.