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Himachal Election 2022: हिमाचल की लड़ाई को दिलचस्प बना रही है AAP, BJP सरकार पर कांग्रेस लगा रही है ये आरोप

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सत्ता विरोधी लहर का लाभ लेकर और महंगाई (Inflation) और बेरोजगारी (Unemployment) जैसे मुद्दों को उठाकर कांग्रेस (Congress) पहाड़ी राज्य में सत्ता में वापसी करने की कोशिश कर रही है. राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उसके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) की विरासत का लाभ भी मिलने की उम्मीद है. हालांकि, कांग्रेस का प्रदर्शन आंतरिक कलह और हाल के समय में कुछ पुराने नेताओं के पार्टी छोड़ने की वजह से प्रभावित हो सकता है.

कांग्रेस को युवाओं पर भरोसा

कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य और पूर्व मंत्री बीडी बाली के बेटे रघुबीर बाली सहित कुछ युवा नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन, 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में युवा कांग्रेस के कुछ नेताओं को टिकट नहीं दिया गया है. इसके अलावा, वीरभद्र सिंह जैसे बड़े नेता की कमी भी कांग्रेस को इस बार खलेगी. भले ही पार्टी उनकी विरासत पर भरोसा कर रही है, क्योंकि वीरभद्र सिंह की पत्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं.

राज्य में सत्ता के लिए कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) के बीच पारंपरिक रूप से सीधी लड़ाई में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवेश से भी कांग्रेस के लिए यह चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की संभावना है. कांग्रेस को 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के दिल्ली की राजनीति में प्रवेश करने से भारी नुकसान हुआ था.

आम आदमी पार्टी की चुनौती

कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का कहना है कि हिमाचल में विपक्षी दल के रूप में आम आदमी पार्टी के उभरने से बीजेपी शासन से तंग आ चुके मतदाताओं को एक विकल्प मिल गया है.कांग्रेस ने राज्य में मतदाताओं को लुभाने के लिए कई वादे भी किए हैं. इनमें सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को 15 सौ रुपये प्रतिमाह देने के अलावा सरकारी नौकरियों का वादा भी शामिल है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में बीते कई दशकों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस को बारी-बारी से पांच-पांच साल के लिए सत्ता में रहने का मौका मिलता रहा है.साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस को केवल 21 सीटें ही मिली थीं. इस चुनाव में बीजेपी को 48.8 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के पक्ष में 41.7 फीसदी मतदान हुआ था.

पिछले चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 36 सीटें जीतकर चुनाव जीता था और बीजेपी को केवल 26 सीटें मिली थीं. इस बार चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने बेहद आक्रामक रुख अपनाया है. वह आरोप लगा रही है कि पिछले पांच सालों में बीजेपी के शासनकाल में राज्य विकास के मामले में काफी पिछड़ गया है. कांग्रेस का आरोप है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं.

कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में ‘माफिया’ का कब्जा हो गया है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, ''यह राष्ट्रीय नहीं बल्कि राज्य का चुनाव है और मुख्यमंत्री को लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने राज्य के लिए क्या किया है. उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है और इसीलिए वह इन चुनावों में प्रधानमंत्री पर निर्भर हैं.''

कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप

अग्निहोत्री ने जयराम ठाकुर को एक ‘निष्क्रिय’ मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा कि ठाकुर ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान हेलिकॉप्टर की सवारी और 'नाटिस' (पारंपरिक लोक नृत्य) के अलावा कुछ नहीं किया है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने 'इवेंट मैनेजमेंट' और फर्जी बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं किया है. कांग्रेस का दावा है कि यह सबसे पुरानी पार्टी है जिसने अपनी स्थापना के बाद से पहाड़ी राज्य का विकास किया है.

कांग्रेस का आरोप है कि उसने बीजेपी के पांच साल के शासन के दौरान विधानसभा के अंदर और बाहर भी लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाया है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''राज्य में बढ़ती कीमतों का असर लोगों पर पड़ रहा है, जबकि कोई रोजगार नहीं है. इसके अलावा, माफिया ने बीजेपी शासन पर कब्जा कर लिया है और लोग उनसे दूर जा रहे हैं.'' हाल ही में, कांग्रेस के दो विधायक पवन काजल और लखविंदर राणा बीजेपी में शामिल हुए थे, जबकि चंबा के एक नेता हर्ष महाजन भी सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए हैं.

बीजेपी ने पवन काजल और लखविंदर राणा को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. हालांकि, बीजेपी की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष खिमी राम के कांग्रेस में शामिल होने से चुनावी समीकरण दिलचस्प होने की उम्मीद है.

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